ईरानी राष्ट्रपति की चेतावनी- यदि उठाया कोई विरोधी कदम तो इजरायल बनेगा निशाना
ईरानी राष्ट्रपति की चेतावनी- यदि उठाया कोई विरोधी कदम तो इजरायल बनेगा निशाना
तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर इजराइल उनके देश के खिलाफ ‘‘कोई छोटा सा कदम’’ भी उठाता है, तो ईरानी सशस्त्र बल उसे निशाना बनाएंगे।
उन्होंने यह बात तब कही जब ईरान की परमाणु क्षमताओं पर लगाम लगाने के लिए एक समझौते पर बातचीत रुकी हुई है। ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम का शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए उपयोग करने का दावा करता है।
इज़राइल, यह कहते हुए समझौते का विरोध करता है कि यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम या पूरे क्षेत्र में उसकी सैन्य गतिविधियों को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है। इजराइल के अधिकारियों ने कहा है कि वे अपने देश की रक्षा के लिए एकतरफा कदम उठाएंगे।
रायसी ने ईरान के सशस्त्र बलों की वार्षिक परेड में एक भाषण के दौरान सीधे इज़राइल को संबोधित किया।
तेल अवीव का जिक्र करते हुए रायसी ने कहा, ‘‘यदि आप ईरान के खिलाफ कोई छोटे से छोटा कदम भी उठाते हैं, तो हमारे सशस्त्र बलों का निशाना ज़ायनी (यहूदीवादी) शासन का केंद्र होगा।’’
रायसी ने विस्तार से नहीं बताया, लेकिन कहा कि ईरान इजराइल के हर कदम पर ‘‘बारीकी से’’ नजर रखता है।
ईरान ने 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से इजराइल को मान्यता नहीं दी है। इस क्रांति ने पश्चिम समर्थक राजशाही को हटा दिया और इस्लामवादियों को सत्ता में पहुंचाया। यह हमास और हिजबुल्लाह जैसे इजराइल विरोधी आतंकवादी समूहों का समर्थन करता है।
रायसी ने कहा कि ईरान की सैन्य शक्ति एक प्रतिरोधक है। उन्होंने कहा कि तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर देश पर वर्षों से लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद सेना अपनी क्षमताओं में सुधार करने में सफल रही है। सोमवार की परेड में जेट लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टर, ड्रोन और वायु रक्षा प्रणालियों के साथ-साथ सैन्य टैंक, मिसाइल और नौसेना के जहाजों का प्रदर्शन किया गया।
इज़राइल ने हाल के वर्षों में फारस की खाड़ी में पड़ोसी अरब देशों के साथ संबंधों में सुधार किया है, जिससे ईरान के नेता नाराज हैं। तेहरान ने अपने परमाणु स्थलों की तोड़फोड़ और अपने परमाणु वैज्ञानिकों की हत्याओं के लिए इज़राइल को भी दोषी ठहराया है।
परमाणु समझौता चार साल पहले टूट गया था जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने देश को इस समझौते से अलग करते हुए ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे। इस बीच, ईरान ने अपने परमाणु कार्य का व्यापक विस्तार किया है।